बिना दीवारों दर के बने हमनें मकां देखें हैं।
कोई ज़रूरी नहीं है कि अदीबों के यहां अदीब ही पैदा हों।
बहुत से अदब ओ लिहाज़ वाले घरों में हमनें बदजुबाँ देखें हैं।।
शुक्र कर खुदा का जो तेरा रहने को अपना आशियाना हैं।
वर्ना फुटपाथ पर बिना दीवारों दर के बने हमनें मकां देखें हैं।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️