हमदर्द
२१२२ २१२२ २१२२ २१२
आ रहे हैं सब मेरी, मैयत उठाने के लिए।
दिल दुखाने के लिए, मुझको जलाने के लिए।
देखकर मेरी मुहब्बत जल रहे थे जो सदा-
बनके अब हमदर्द आए हैं बताने के लिए।
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य
२१२२ २१२२ २१२२ २१२
आ रहे हैं सब मेरी, मैयत उठाने के लिए।
दिल दुखाने के लिए, मुझको जलाने के लिए।
देखकर मेरी मुहब्बत जल रहे थे जो सदा-
बनके अब हमदर्द आए हैं बताने के लिए।
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य