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2 Aug 2024 · 1 min read

हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का

हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
आते हैं मियां हम भी ‘ग़ालिब’ के घराने से

नज़ीर नज़र

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