Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2024 · 1 min read

हमको तेरा ख़्याल

ज़िंदगी का सवाल आता है।
हमको तेरा ख़्याल आता है।
क्यों मुक़द्दर है तेरा मेरी तरह,
क़िस्मतों पर मलाल आता है।

डॉ फौजिया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 89 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं"
पूर्वार्थ
समय निकल जाएगा,
समय निकल जाएगा,
Ajit Kumar "Karn"
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
Dr. Narendra Valmiki
Digital Currency: Pros and Cons on the Banking System and Impact on Financial Transactions.
Digital Currency: Pros and Cons on the Banking System and Impact on Financial Transactions.
Shyam Sundar Subramanian
ध्रुव तारा
ध्रुव तारा
Bodhisatva kastooriya
Don't Give Up..
Don't Give Up..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बल से दुश्मन को मिटाने
बल से दुश्मन को मिटाने
Anil Mishra Prahari
दिल की रहगुजर
दिल की रहगुजर
Dr Mukesh 'Aseemit'
4920.*पूर्णिका*
4920.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
सियासत जाती और धर्म की अच्छी नहीं लेकिन,
सियासत जाती और धर्म की अच्छी नहीं लेकिन,
Manoj Mahato
मुझे पहचानते हो, नया ज़माना हूं मैं,
मुझे पहचानते हो, नया ज़माना हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमारी प्यारी मां
हमारी प्यारी मां
Shriyansh Gupta
■ कड़ा सवाल ■
■ कड़ा सवाल ■
*प्रणय*
"शौर्य"
Lohit Tamta
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
gurudeenverma198
#लेखन कला
#लेखन कला
Radheshyam Khatik
"खरगोश"
Dr. Kishan tandon kranti
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
Ravikesh Jha
*सबके भीतर हो भरा नेह, सब मिलनसार भरपूर रहें (राधेश्यामी छंद
*सबके भीतर हो भरा नेह, सब मिलनसार भरपूर रहें (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
प्यार का गीत
प्यार का गीत
Neelam Sharma
दोहा छंद
दोहा छंद
Vedkanti bhaskar
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
singh kunwar sarvendra vikram
होकर उल्लू पर सवार।
होकर उल्लू पर सवार।
Pratibha Pandey
* भैया दूज *
* भैया दूज *
surenderpal vaidya
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
Loading...