हनुमान जी के भाई (घनाक्षरी छंद )
हनुमान परिचय
घनाक्षरी छंद
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रामदूत हनुमान, सबसे बडा हूँ मैं ही,
शेष छोटे भाई सभी, करते कमाल हैं।
अकेले नहीं है हम, पाँच भाई और भी हैं,
देखके चुनौती ठोकें, ललकार ताल हैं।
मतिमान श्रुतिमान,केतुमान गतिमान,
धृतिमान सभी माता, अँजनी के लाल हैं।
दानवों के दमन को ,पवन समान चलें,
महा विकराल मानों, कालन के काल हैं।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
8/11/22