Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

हड़ताल और बंद

हड़ताल एवं बंद

यही तो है हड़ताल एवं बंद की दृश्यावली,
नाल वाले बूटों से कुचली कली.

कणों में बिखरे फूल,
आग, पत्थर,मिटटी और धूल.

घायल एवं सिसकते तडपते ईन्सान,
टूटते सीसे जलती हुई दुकान.

सड़कों पर बिखरे पत्थर,
सुनसान सड़क बंद हुए घर.

यह स्थिति नहीं किसी के पसंद की,
प्रभावित सोच नहीं सकता हड़ताल और बंद की.

परिणाम यह किस का है ध्यान नहीं जाता है,
इनके परिणामो को बहुत उछाला जाता है.

इनको रोकना किस का काम है?
क्या ‘मूल’ पर आघात नहीं हो सकता जिसका यह परिणाम है?

भटकाव नहीं यह अधिकारों की लड़ाई है,
अधिकारों के लिए लड़ना क्या बुराई है?

यदि ख़त्म ही करना है तो विषमता को करो,
हम अपना कर्तव्य पूरा करें, आप बिन मांगे अधिकार दो.

हक़ मिलने पर कोई नहीं चाहेगा कि लड़ाई हो,
शांति भंग और तोड़-भोड़ जिसकी ना कभी भरपाई हो.

1 Like · 179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all
You may also like:
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
आजमाइश
आजमाइश
Suraj Mehra
अजीब बात है
अजीब बात है
shabina. Naaz
मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मेरे जीवन के इस पथ को,
मेरे जीवन के इस पथ को,
Anamika Singh
खुद स्वर्ण बन
खुद स्वर्ण बन
Surinder blackpen
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
कवि रमेशराज
फूल
फूल
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
Neelam Sharma
🙅18वीं सरकार🙅
🙅18वीं सरकार🙅
*प्रणय प्रभात*
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
Nitesh Chauhan
कृतघ्न अयोध्यावासी !
कृतघ्न अयोध्यावासी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*भालू (बाल कविता)*
*भालू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
चिड़ियाघर
चिड़ियाघर
Dr Archana Gupta
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना  महत्व  ह
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना महत्व ह
Satya Prakash Sharma
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम "नवल" हरदम ।
शेखर सिंह
" कश्ती रूठ गई है मुझसे अब किनारे का क्या
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
बेटियों को मुस्कुराने दिया करो
बेटियों को मुस्कुराने दिया करो
Shweta Soni
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
Manoj Mahato
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कुछ लड़के होते है जिनको मुहब्बत नहीं होती  और जब होती है तब
कुछ लड़के होते है जिनको मुहब्बत नहीं होती और जब होती है तब
पूर्वार्थ
न जाने कहाँ फिर से, उनसे मुलाकात हो जाये
न जाने कहाँ फिर से, उनसे मुलाकात हो जाये
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परहेज बहुत करते है दौलतमंदो से मिलने में हम
परहेज बहुत करते है दौलतमंदो से मिलने में हम
शिव प्रताप लोधी
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
नेताम आर सी
मुझमें क्या मेरा है ?
मुझमें क्या मेरा है ?
अरशद रसूल बदायूंनी
संसद में लो शोर का,
संसद में लो शोर का,
sushil sarna
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
Loading...