हकीकत
जन्नत जन्नत तुम्हीं बड़ा जानते हो,
पर दुख के बारे में क्या जानते हो,
ये पूजा दुआ इबादत सब सही है,
पर जो भूखों मरे उन्हें जानते हो,
ये दर्द क्या है जो सबका नहीं होता,
क्यों वो इंसान मुझ जैसा नहीं होता,
निज़ाम ऐसा कि कत्ल होगा सबका,
किसी को कोसने से कुछ नहीं होता,
आग जली है तो कुछ धुआं होता है,
पर धुएं से कोई काम क्या होता है,
दीया उनकी चौखट पे जलाओ अब,
जिनके दम पे रौशन जहां होता है,