हकीकत में समानता की घोषणा व्यर्थ
समानता के दर्पण में अपना हाथ खाली है।
विकास की घोषणा व्यर्थ लागे (नारी)_ डॉ . सीमा कुमारी ,
बिहार, भागलपुर , मौलिक स्वरचित रचना हैं जिसे आज प्रकाशित कर रही हूँ ।
समानता के दर्पण में अपना हाथ खाली है।
विकास की घोषणा व्यर्थ लागे (नारी)_ डॉ . सीमा कुमारी ,
बिहार, भागलपुर , मौलिक स्वरचित रचना हैं जिसे आज प्रकाशित कर रही हूँ ।