हकीकत पर एक नजर
#हकीकत_पर_एक_नजर…
जब आप तकलीफ में होते हैं तो बहुत लोगों से कट जाते हैं, मतलब दूर हो जाते हैं। कारण ये नहीं है कि आप कट जाना चाहते हैं, बल्कि इसलिए दूर हो जाते हैं क्योंकि आप अपनी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं और अपनी समस्या हर किसी से कहने से परहेज रखते हैं। रखना भी चाहिए क्योंकि कहते हैं न कि ‘आंसू को तो आँखों में भी पनाह नहीं मिलती है’ फिर दूसरे को क्या मतलब आपकी समस्या से ?
अब आपसे जुड़े लोग जैसे रिश्तेदार, दोस्त या आपके नजदीकी लोग आपसे ये जानने की कोशिश भी नहीं करेंगे कि आप क्यों तटस्थ हैं। हाँ ये जरूर कहने में रहेंगे कि आपको घमंड हो गया है और वह भी दूरी बना लेंगे। वैसे ये भी सही है क्योंकि कई लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि आप अपनापन दिखाओ और उससे कारण जानने की कोशिश करो तो वो आपको ही मुजरिम बना देंगे। इसलिए भी कभी-कभी दूर रहना ही सही लगता है।
पर बात ये नहीं है कि आपको क्यों नहीं समझते हैं या क्यों साथ नहीं देते हैं ?
बात ये है कि ये दिखावा क्यों जैसे – ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, हम साथ-साथ हैं वगैरह-वगैरह। ये किसी के लिए मर मिटने की कशमें फिल्मों में ही अच्छी लगती है और वहीं तक सीमित रहती है। अरे भई! आप जरा सी समस्या में घिरे नहीं कि यही लोग दूरी बना लेंगे।
यदि ऐसा नहीं होता तो क्यों यही फिल्मी लोग सामान्य जिंदगी में एक दूसरे के दुश्मन बने रहते हैं ?
इसलिए ऐसे ढकोसले से दूर रहना ही बेहतर है।
-पूनम झा ‘प्रथमा’
जयपुर, राजस्थान 09-07-2023