Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2022 · 1 min read

हक़ीक़त न पूछिए

हक़ीक़त न पूछिए
मुफलिसी के दर्द की।
नींदों में जिसको ख्वाब का
बस आसरा मिला ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
- दिल के अरमान -
- दिल के अरमान -
bharat gehlot
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
Surinder blackpen
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
Manisha Manjari
कविता
कविता
Nmita Sharma
खुद को ढाल बनाये रखो
खुद को ढाल बनाये रखो
कार्तिक नितिन शर्मा
पढ़ें बेटियां-बढ़ें बेटियां
पढ़ें बेटियां-बढ़ें बेटियां
Shekhar Chandra Mitra
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
Phool gufran
"सदियाँ गुजर गई"
Dr. Kishan tandon kranti
कलम तो उठा ली,
कलम तो उठा ली,
Karuna Goswami
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
वृंदावन की कुंज गलियां
वृंदावन की कुंज गलियां
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
ruby kumari
*सरस्वती वंदना*
*सरस्वती वंदना*
Shashank Mishra
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
हम हमेशा साथ रहेंगे
हम हमेशा साथ रहेंगे
Lovi Mishra
कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है
कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है
Kanchan Gupta
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
shabina. Naaz
प्रेम हैं अनन्त उनमें
प्रेम हैं अनन्त उनमें
The_dk_poetry
बहु बहु रे बयार।
बहु बहु रे बयार।
Kumar Kalhans
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
अष्टम कन्या पूजन करें,
अष्टम कन्या पूजन करें,
Neelam Sharma
हौसला जिद पर अड़ा है
हौसला जिद पर अड़ा है
कवि दीपक बवेजा
छूट रहा है।
छूट रहा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
तुमबिन
तुमबिन
Dushyant Kumar Patel
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
DrLakshman Jha Parimal
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
डी. के. निवातिया
तुम..
तुम..
हिमांशु Kulshrestha
नववर्ष (व्यंग्य गीत )
नववर्ष (व्यंग्य गीत )
Rajesh Kumar Kaurav
Loading...