हंसकर गमों को एक घुट में मैं इस कदर पी गया
हंसकर गमों को एक घुट में,
मैं इस कदर पी गया…
देखा जब मैने बाजार ए वफा में,
कभी झोली फैला कर मांगने वाला मुझे आज मेरी बोली लगाने आया…
– कृष्ण सिंह
हंसकर गमों को एक घुट में,
मैं इस कदर पी गया…
देखा जब मैने बाजार ए वफा में,
कभी झोली फैला कर मांगने वाला मुझे आज मेरी बोली लगाने आया…
– कृष्ण सिंह