हंँसते हुए ही जीना है
हंँसते हुए ही जीना है,
दर्द की कोई बात नहीं,
दर्द तो आता जाता है,
दिल में हो एहसास यही।
हंँसते हुए……….।।१।
अपनों के संग रहना है,
तकरार की कोई बात नहीं,
तकरार तो होते रहते हैं,
आपस में है प्यार यही।
हंँसते हुए……….।।२।
रिश्ते को ही सजाना है,
दूर-पास की बाँट नहीं,
बटवारा तो होते रहते ,
मिल-बांँट के काम यही ।
हंँसते हुए……….।।३।
साथ यहीं है जीवन में ,
बिछड़ने की आस यहीं,
बिछड़ना है एक दिन ही सबको,
मुलाकात की रात यहीं।
हंँसते हुए……….।।४।
मन से बनते हैं रिश्ते ,
रिश्तो में बसती है दुनिया,
दुनिया का कोई अंत नहीं,
खुशियों की है सौगात यहीं।
हंँसते हुए……….।।५।
अपने तो अपने होते हैं,
गैरों का मिलता साथ यहीं,
दूजे भी अपने हो जाते,
प्रेम-भाव को दिल में बसाते ।
हंँसते हुए……….।।६।
? बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।