सफ़र अभी बाकी है,,,,
यूँ ही हाथ थामे चलना हमसफ़र
सफ़र अभी बाकी है।
रंग तो बहुत देखे हैं जिंदगी के
रंग पिया का अभी बाकी है।
गुलाब सा खिले हैं तेरी संगत में बहुत
खुश्बू को भीतर समेटना अभी बाकी है।
फ़ना हुए भी गुल तो क्या
अगला जनम अभी बाकी है।
जिस्मों के सफ़र से जायेंगे दूर
समेट लो भीतर हमें
रूहों की उड़ान अभी बाकी है।,,,,,लक्ष्य@myprerna