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कुमार अविनाश केसर
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7 Mar 2022 · 1 min read
स्वेच्छा
ये दर्द तुम्हारा है,
जिसको मन हो,दे देना।
सपने तिरते आँखों के,
बस, मुझको ही दे देना।
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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