स्वार्थ चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमेशा दुखदाई होता है। अतः
स्वार्थ चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमेशा दुखदाई होता है। अतः लालच में आकर, अपने मानवीय मूल्यों को हानि न पहुंचाएं!
“मौज”
स्वार्थ चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमेशा दुखदाई होता है। अतः लालच में आकर, अपने मानवीय मूल्यों को हानि न पहुंचाएं!
“मौज”