Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2019 · 2 min read

स्वस्थ शरीर – पौष्टिक भोजन

खाना खजाना

मुझे नये नये स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजन बनाने का शौक है मैं घर के सदस्यों के लिऐ हमेशा कुछ न कुछ बनाता रहता हूँ। उसी में एक यह है । हमारे साथ हमारे माता पिता भी रहतै है जो वृध्द है एवं उनको स्पाईसी, मिर्च मसाले वाली चीजें नुकसान करती है इसलिए मेरी बनाई चीजें वह पसंद करते है। इसी तरह बच्चों को भी तीखी चीजे अच्छी नही लगती इसलिए उनकों भी पाचक और पौष्टिक चीजें देता हूँ। मेरी बनाई चीजें रिश्तेदार और पड़ौस भी खाते है ।

अपनी , बच्चों और सभी के स्वास्थ्य का ध्यान शुरू से ही रखना चाहिए। क्यो कि स्वास्थ्य है तो सब कुछ है । अगर पौष्टिक आहार पर हम खर्च करते है तो डाक्टर से दूर रहेंगे और वह पैसा बचेगा ।

मिसी खमण बनाने की विधि

सामग्री: आधा कटोरी चावल, 1/4 कटोरी छिलका मूँग दाल , 1/4 कटोरी छिलका उडद दाल,

एक चुटकी मीठा सोडा , मीठी नीम की पत्ती , नमक स्वादानुसार, एक चुटकी पीसी काली मिर्च, 1/4 टी स्पून अमचूर , 1/4 टी स्पून राई , जीरा, अजवाईन , 1/4 टी स्पून रिफाइंड तेल, हरा धनिया , हरी मिर्च

विधि : चावल दालों को पानी में गला दे 10-12 घंटे बाद धो कर मिक्सी में मीठा सोडा मिला कर पीस लें

अब इसका 10-12 घंटे खमण उठ जाने पर एक डिब्बे में तेल लगा कर कूकर रख कर बिना सिटी के 10 मिनट रख दे ।

कूकर ठंडा होने पर खमण को मिस ले । कडाई मे तेल डाल कर राई जीरा अजवायन और मीठी नीम का तडका लगा कर मिसी हुऐ खमण को डाल दे । अब इसमे नमक अमचूर डाल कर खूब मिला ले ।

इस प्लेट में निकाल कर इसके ऊपर हरा धनिया काट कर डाले साथ में हरी मिर्च सर्व करें ।

Language: Hindi
Tag: लेख
392 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक " जिंदगी के मोड़ पर " : एक अध्ययन
Ravi Prakash
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
Phool gufran
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
मुक्तक – आज के रिश्ते
मुक्तक – आज के रिश्ते
Sonam Puneet Dubey
मुद्दतों बाद मिलते पैर लड़खड़ाए थे,
मुद्दतों बाद मिलते पैर लड़खड़ाए थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
जीवन के सारे सुख से मैं वंचित हूँ,
जीवन के सारे सुख से मैं वंचित हूँ,
Shweta Soni
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
पूर्वार्थ
सबकी सुन सुन के, अब में इतना गिर गया ।
सबकी सुन सुन के, अब में इतना गिर गया ।
Ashwini sharma
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
Ranjeet kumar patre
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
माँ जब भी दुआएं देती है
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
स्वतंत्र ललिता मन्नू
G
G
*प्रणय*
" वो "
Dr. Kishan tandon kranti
*Loving Beyond Religion*
*Loving Beyond Religion*
Poonam Matia
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
The_dk_poetry
हमको इतनी आस बहुत है
हमको इतनी आस बहुत है
Dr. Alpana Suhasini
जो दुआएं
जो दुआएं
Dr fauzia Naseem shad
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
Kshma Urmila
चढ़ते सूरज को सभी,
चढ़ते सूरज को सभी,
sushil sarna
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
Keshav kishor Kumar
3566.💐 *पूर्णिका* 💐
3566.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ख़ामोशी फिर चीख़ पड़ी थी
ख़ामोशी फिर चीख़ पड़ी थी
अरशद रसूल बदायूंनी
राम आधार हैं
राम आधार हैं
Mamta Rani
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रोटी
रोटी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...