स्वर्ग या नर्क
स्वर्ग या नर्क , प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपने खुद के अच्छे या बुरे कर्मों की परिणति में पृथ्वी पर ही निर्मित किये गए हैं।
स्वर्ग या नर्क , प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपने खुद के अच्छे या बुरे कर्मों की परिणति में पृथ्वी पर ही निर्मित किये गए हैं।