Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

स्वतन्त्रता

स्वतन्त्रता का अर्थ शायद सबके लिये
अलग होता है, तो मैं स्वतन्त्रता को लेकर
क्या सोचती हूँ, उसके लिये पंक्तियाँ
लिखी हैं ,भाव है—–
स्वतन्त्रता सामाजिक कुरीतियो एवं सामाजिक अत्याचारो से

कहाँ स्वतन्त्र कर पाई स्वयं को ‘निर्भया’,उन खूनी दरिंदों से
“लक्ष्मी” भी तो जल गई अम्ल से, ऐसे ही अत्याचारी हाथों से
अनेकों अबलाये आज भी यहाँ दहेज की बलि चढ़ती हैं
पुत्र प्राप्ति न होने पर घर से निष्कासित होती हैं ।
ऐसा सपना स्वतन्त्र भारत का बापू ने कभी न देखा था
हाल होगा यहाँ यूँ नारी, क्या ये कभी भी सोचा था
कहें “कामिनी”
स्वतन्त्र भारत की असली तस्वीर तो तभी बन पायेगी
जब हर इक बेटी यहाँ पर बेटा ही कहेलायेगी
कोई निर्भया कभी यहाँ पर यूँ नहीं मारी जायेगी

कोई लक्ष्मी फिर न कभी यहाँ अम्ल हमले का शिकार कहलायेगी
हर सुता जब पुत्री जन्म पर भी समान सम्मान जब पायेगी
कोई भी नारी अब यहाँ अबला नहीं कहलायेगी
ये छवि तब स्वतन्त्र भारत की एक अमिट छाप छोड़ जायेगी
आओ ले संकल्प मिल-जुल कर हम-सब
इन कुरीतियों से हम मुक्त देश को कारायेंगें
तभी तो ‘विश्व मे हम पूर्णतः स्वतंत्र कहलायेंगें

डॉ. कामिनी खुराना (एम.एस., ऑब्स एंड गायनी)

1 Like · 95 Views
Books from Kamini Khurana
View all

You may also like these posts

फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
Ranjeet kumar patre
पता नहीं किसी को कैसी चेतना कब आ जाए,
पता नहीं किसी को कैसी चेतना कब आ जाए,
Ajit Kumar "Karn"
नीरस जीवन
नीरस जीवन
Rambali Mishra
पूर्ण सत्य
पूर्ण सत्य
Rajesh Kumar Kaurav
गजब हुआ जो बाम पर,
गजब हुआ जो बाम पर,
sushil sarna
हारता वो है
हारता वो है
नेताम आर सी
हिंदी भारत की पहचान
हिंदी भारत की पहचान
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
गज़ल
गज़ल
करन ''केसरा''
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
Neelofar Khan
कविता हंसना
कविता हंसना
Akib Javed
आधुनिक सिया बनो
आधुनिक सिया बनो
goutam shaw
Guilt
Guilt
सुकृति
4921.*पूर्णिका*
4921.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
SUNIL kumar
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रामायण ग्रंथ नहीं ग्रस्ति है
रामायण ग्रंथ नहीं ग्रस्ति है
कवि आलम सिंह गुर्जर
अपनी कार
अपनी कार
अरशद रसूल बदायूंनी
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
मुझे बिखरने मत देना
मुझे बिखरने मत देना
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
विनेश भोगाट
विनेश भोगाट
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अहमियत
अहमियत
Kanchan verma
*तू भी जनता मैं भी जनता*
*तू भी जनता मैं भी जनता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Unrequited
Unrequited
Vedha Singh
कभी हमसे पुछिए
कभी हमसे पुछिए
Vivek saswat Shukla
कुछ तो जादू है तुम में
कुछ तो जादू है तुम में
लक्ष्मी सिंह
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
Shubham Anand Manmeet
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
Important than necessary
Important than necessary
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"दर्द के तोहफे"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...