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16 Aug 2024 · 1 min read

स्वतंत्रता

मुक्तक
~~~
प्रिय सभी को स्वतंत्रता, अपने मन की चाह।
सभी चाहते विचरना, अपनी अपनी राह।
सबको सब सुख चाहिए, बिना किसी प्रतिबंध।
और चाहते हर समय, जीवन बेपरवाह।
~~~
बहुत जरूरी समझना, आजादी का मोल।
बिन इसके मझधार में, नैया जाती डोल।
रहें जागरुक हर समय, सबको लेकर साथ।
अकर्मण्यता के पड़े, बंधन सारे खोल।
~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य , मण्डी (हि. प्र.)

2 Likes · 1 Comment · 29 Views
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