स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
देश को आजादी दिलाने बाली ऐसी वीरांगना जिसको आज हम भूल गए………
झलकारी बाई: झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर सन 1830 को झांसी के भोजला गांव में हुआ बचपन में इनकी मां की मृत्यु हो गई पिता के द्वारा ही माँ और पिता दोनो की भूमिका निभाई
उन्हें बड़ी प्यार से पाला तथा घुड़सवारी और तीरंदाजी की शिक्षा दी। उनका विवाह रानी लक्ष्मीबाई की सेना के एक सिपाही के साथ हुआ यहां झलकारी बाई रानी लक्ष्मीबाई के संपर्क में आई। रानी ने उनकी क्षमताओं को परखा तथा उनकी क्षमताओं से प्रभावित होकर उन्हें अपने महिला दल की दुर्गा सैनिक शाखा में शामिल कर लिया। यहां उन्होंने बंदूक तथा तोप चलाना सीखा। झलकारी बाई दुर्गा दल की सेनापति भी बनी। वे लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थी शत्रु को धोखा देने के लिए वे कई बार रानी लक्ष्मीबाई के बेश में युद्ध अभ्यास करती अपने अंतिम समय मे वे रानी लक्ष्मीबाई के वेश मे युद्ध करती हूई। अंग्रेजों के हाथों पकड़ी गई तथा रानी को किले से भागने का अवसर मिल गया।
झलकारी बाई की गाथा आज भी बुंदेलखंड की अमर गाथाओं कथाओ तथा लोक कथाओं में अमिट और अमर है।
प्रस्तुत कर्ता – कार्तिक नितिन शर्मा