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28 Apr 2022 · 3 min read

स्मृति चिन्ह

उस दिन शहर में यही चर्चा थी कि मंत्रीजी का वफादार कुत्ता मर गया है ।
मंत्रीजी के घर में शोक संवेदना प्रकट करने वालों का तांता बंध गया था। टीवी न्यूज़ चैनल मुख्य समाचारों को रोककर ब्रेकिंग न्यूज प्रसारित कर रहे थे ,और मंत्रीजी के निवास पर आने जाने वाले लोगों का आंखों देखा हाल प्रसारित कर रहे थे। फेसबुक और ट्विटर पर शोक संवेदना संदेशों की भरमार हो गई।
समाचार पत्रों में वफादार कुत्ते की श्रृद्धांजलि में कसीदे प्रकाशित किए गए, कि मंत्रीजी का कुत्ता टॉमी एक उच्च नस्ल का कुत्ता था, जो बहुत ही बुद्धिमान एवं वफादार था , जो मंत्री जी की सुरक्षा में चाक-चौबंद रहता था।
उसे मंत्रीजी पर आने वाले खतरे का पूर्वाभास हो जाता था, और तुरंत उससे मंत्रीजी को अवगत करा देता था।
उसे स्वस्थ एवं फुर्तीला रखने के लिए दो सेवक उसकी देखभाल के लिए लगा रखे थे। जो उसको नहला धुलाकर उसकी सफाई का ख्याल रखते थे, एवं उसे नियमित व्यायाम करवा कर एवं उसकी मालिश कर उसे तैयार करते थे। उसकी भोजन व्यवस्था के लिए अलग से रसोईया तय किया गया था , जो उसके भरपूर पोषण का ख्याल रखता था।
समय-समय पर पशु चिकित्सक आकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण करता रहता था, तथा उसे विभिन्न बीमारियों के संक्रमण से बचाने के के लिए उसका टीकाकरण भी करता था।
मंत्रीजी जहां भी जाते उनका कुत्ता टॉमी उनके साथ रहता था और उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखता था।
टॉमी की मृत्यु एक रहस्य बन गई थी। कुछ न्यूज़ चैनलों एवं समाचार पत्रों ने इसे विरोधी पार्टियों की मंत्रीजी के खिलाफ साजिश का हिस्सा बतलाया,
कुछेक ने इसे मंत्रीजी की हत्या की पूर्व नियोजित आतंकवादी साजिश का पूर्वानुमान बतलाया।
इस प्रकार विभिन्न चैनलों ने अपनी अपनी तरह से इस घटना को पेश किया।
इधर मंत्रीजी की पार्टी वालों ने टॉमी की यादगार में एक स्मारक बनाने की घोषणा कर डाली।
कुछ लोगों ने टॉमी की मृत्यु के रहस्य को सुलझाने के लिए जांच आयोग बिठाने की मांग की, क्योंकि यह मुद्दा मंत्रीजी की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था।
टॉमी की मृत्यु पर शोक में संपूर्ण बाजार बंद की घोषणा कर दी गई। स्कूल एवं कॉलेजों की छुट्टी घोषित कर दी गई।
टॉमी की शव यात्रा में विशाल जनसमूह उमड़ पड़ा।
लोगों की भीड़ टॉमी के अंतिम दर्शन के लिए बेताब हो रही थी। पुलिस को व्यवस्था बनाए रखने हेतु भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
शव यात्रा शहर की कब्रगाह पर जाकर समाप्त हुई।
टॉमी के शव को सुपुर्दे खाक कर लोग अपने अपने घरों को लौट गए।
जांच आयोग के रिपोर्ट आने पर पता चला कि कुछ दिन पहले टॉमी का पड़ोस की कुतिया से प्रेम संबंध बनाने के चक्कर में एक पागल कुत्ते से झगड़ा हुआ था ,और उस पागल कुत्ते ने टॉमी को को बहुत जोर से काट खाया। जिसकी वजह से टॉमी पागलपन के विषाणु से संक्रमित होकर पागल हो गया था , और धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य गिरने लगा , उसने खाना पीना बंद कर दिया। और अंत में वह मौत के आगोश में समा गया।
शहर के चौराहे पर टॉमी की मूर्ति लगा दी गई , जो आज भी किसी श्वान की अपने स्वामी के प्रति वफादारी के प्रतीक स्मृति चिन्ह के रूप में विद्यमान है।

Language: Hindi
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