स्मृतियों में
याद आती है, आपकी याद आती है
देखता हूं तस्वीरों को तो
स्मृतियां साफ नजर आती है,
आप छोड़ चले गए ऐसे
कोई भूल हो गई हो हमसे
कमी महसूस तब होती है
जगह जब रिक्त किसी की होती है
रात रात भर जागकर
आप मेरी पीड़ा हरते,
मैं सोच सोच के हूं परेशान
कितना कुछ हमे करते
जब करने की बारी मेरी आई
न जाने किसने आपकी खाट उठाई,
हम भी कितने अभागे थे
जो दूर आपसे भागे थे
अंतिम झलक न पाई हमने
ना हीं इच्छा पूरी कर पाई हमने ,
यही मलाल हमको रहता
और दिनों का साथ रहता
क्योंकि कुछ न कर पाए थे
बस आपका हीं खाए थे
कहां भाग्य तकदीर सोया
पत्नी ने पति, पुत्र ने पिता खोया
ना हीं पूर्वानुमान था ना हीं कोई बीमारी
सब अकस्मात हुआ यह अति ख्वारी
पिता को समर्पित ….