स्नेह से
गीतिका
~~~
स्नेह से हमने बुलाया आपको।
खूब था आनन्द आया आपको।
सो रहे थे खूब गहरी नींद में,
नींद से किसने जगाया आपको।
सब किया था आपके अनुकूल ही,
फिर बताओ क्यों न भाया आपको।
प्यार सच्चा प्राप्त करने के लिए,
छोड़नी हैं तुच्छ माया आपको।
भूल कर दी आपने पहचान में,
था मगर सब कुछ दिखाया आपको।
सादगी ने हर तरह से देखिए,
खूब आकर्षक बनाया आपको।
हर्ष से जीवन प्रफुल्लित हो गया,
हर समय जब साथ पाया आपको।
~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य