Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2024 · 1 min read

स्नेह मधुरस

मुक्तक- १
~~~~
छोड़ कड़वाहट मिलाएं स्नेह मधुरस जिन्दगी में।
हो नहीं नीरस कभी आनंद हो बस जिन्दगी में।
खिल उठे बस चांदनी हर ओर आभामय हमेशा।
आ नहीं पाए अंधेरी सी अमावस जिन्दगी में।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
मुक्तक- २
~~~~
भूलकर भी हम किसी से शब्द कटुता से न बोलें।
जिन्दगी में खूब जी भर मित्रता के द्वार खोलें।
साथ में सबको लिए अब कार्य सेवा के करें हम।
त्याग कड़वाहट हमेशा नित्य मिश्री खूब घोलें।
~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 16 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

"Go88 nổi bật với việc cung cấp dịch vụ casino chất lượng ca
Go88 - Địa Chỉ Tin Cậy Cho Các Tín Đồ Casino Tại Châu Á
23/54.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/54.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वक्त के साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
आशिक़ों को बेवफ़ाई मिली,
आशिक़ों को बेवफ़ाई मिली,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" विश्व शांति "
DrLakshman Jha Parimal
पूछती है कविता
पूछती है कविता
Dr MusafiR BaithA
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
****उज्जवल रवि****
****उज्जवल रवि****
Kavita Chouhan
आठवीं वर्षगांठ
आठवीं वर्षगांठ
Ghanshyam Poddar
जिंदगी की जंग
जिंदगी की जंग
Seema gupta,Alwar
टेलिस्कोप पर शिक्षक सर्वेश कांत वर्मा जी और छात्रों के बीच ज्ञानवर्धक चर्चा
टेलिस्कोप पर शिक्षक सर्वेश कांत वर्मा जी और छात्रों के बीच ज्ञानवर्धक चर्चा
Dr Nisha Agrawal
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
Babli Jha
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
gurudeenverma198
महा कवि वृंद रचनाकार,
महा कवि वृंद रचनाकार,
Neelam Sharma
चल मोहब्बत लिखते हैं
चल मोहब्बत लिखते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वीर अभिमन्यु– कविता।
वीर अभिमन्यु– कविता।
Abhishek Soni
14, मायका
14, मायका
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ज़िंदगी सबको अच्छी लगती है ।
ज़िंदगी सबको अच्छी लगती है ।
Dr fauzia Naseem shad
बेटियाँ
बेटियाँ
Poonam Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
छत पर हम सोते
छत पर हम सोते
प्रदीप कुमार गुप्ता
अवधपुरी की पावन रज में मेरे राम समाएं
अवधपुरी की पावन रज में मेरे राम समाएं
Anamika Tiwari 'annpurna '
Be valuable.
Be valuable.
पूर्वार्थ
Sharing the blanket
Sharing the blanket
Deep Shikha
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कौन कहाँ कब
कौन कहाँ कब
©️ दामिनी नारायण सिंह
अनाथों सी खूंँटियांँ
अनाथों सी खूंँटियांँ
Akash Agam
आत्म बोध
आत्म बोध
OM PRAKASH MEENA
घर
घर
Shashi Mahajan
Loading...