स्त्री
स्त्री (हाइकु)
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1
स्त्री है नाजुक
सोनजुही बेल सी
ढूँढे सहारा
2
है हृदयतल
बहुत मर्मस्पर्शी
बड़ी भावुक
3
बहती गंगा
सी पावन पावक
सतीत्व मूर्ति
4
है कर्णधार
कुल,घर-परिवार
देश समाज
5
सहनशील
चाँद सी शालीन
हिम सी शांत
6
त्याग की देवी
न्यौछावर करती
प्यार अपार
7
करती रहे
अथक काम धाम
ना कोई दाम
8
नारी सम्मान
समान अपमान
औपचारिक
9
मर्द जनती
मर्द से हरती
मर्द अधीन
10
ममता की मूर्त
भोली भाली सूरत
सीरत खान
11
होती शिकार
सहती अत्याचार
देह व्यापार
12
स्त्री ही स्त्री की है
होती सदा दुश्मन
है व्यवधान
13
मिलेगी मुक्ति
मिलेगी कोई युक्ति
होगा उत्थान
14
होती लाचार
दबे रहें विचार
यही संसार
15
लाज समेटे
सुखविन्द्र देखे
नारी महान
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)