स्त्री प्रताड़ना के संबंध में अपने कुछ विचार
भारत में एक महिला होने का सबसे बुरा हिस्सा मेरी दृष्टि में यह है कि कोई भी व्यक्ति महिलाओं के प्रति अपनी सोच सकारात्मक रखें तो जीवन की एक नवीन शुरुआत हो सकती है । भारत में शहर हों या गांव हर माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों को चाहे बेटा हो या बेटी दोनों को अच्छे संस्कार देते हुए पालन पोषण करेंगे तो यह बात आयेगी ही नहीं और मेरा सोचना है कि बच्चे की परवरिश घर वालों फिर स्कूल से होते हुए शुरू होती है तो वह उचित रूप से होना आवश्यक है । बाद में समाज को दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है । जहां तक स्त्री प्रताड़ना की बात आती है तो यह घर के संस्कारों का ही परिणाम है ।