स्टेटस अपडेट पर मेरे व्यंग्य
आधुनिक नवीन विचित्र मनोहार ।
जन समुदाय का अद्भुत व्यवहार ।।
कि करने चेष्टा प्रचलित प्रसारित ।
प्रवाहित प्रकाशित और अति विस्तारित।।
मनुज-मनुज का अद्भुत स्वभाव ।
है होता प्रतीत विचित्रता का प्रभाव।।
हों सर्वत्र विख्यात प्रख्यात
मानव है धरता रुप विराट ।।
है करता मानव अति आडम्बर।
बनने को सर्वश्रेष्ठ छद्ममेश्वर ।।
है करता कभी शब्दाघात ।
और कभी निरर्थक बात ।।