Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2023 · 2 min read

सौभाग्य न सब दिन सोता है

हमारे जीवन में सौभाग्य/दुर्भाग्य का समावेशी स्वरूप गतिशील प्रगतिशील होकर साथ साथ चलता रहता है। धर्म ग्रंथों और ज्ञानियों के अनुसार सौभाग्य/दुर्भाग्य हमारे अपने कर्मों पर भी निर्भर करता है। हम अपने जीवन में‌ जैसा कर्म करते हैं, उसके प्रतिफल स्वरूप ही हमें सौभाग्य दुर्भाग्य के रूप में परिणाम भी प्राप्त होता है, जब परिस्थितियाँ हमारे अनुकूल होती हैं तो हम कहते हैं कि ये मेरा सौभाग्य है। सौभाग्य की अपेक्षा तो हम सभी हमेशा रखते हैं, चाहे हम सकारात्मक रहें या नकारात्मक। जब भी हमें अपने अनुकूल परिणाम नहीं मिलते तो हम अपने दुर्भाग्य को कारण माना लेते हैं, न कि अपने कर्म को देखते हैं और न ही अपनी लापरवाही, और न ही गल्तियों को महसूस करते हैं। सिक्के के दो पहलू होते हैं, इसी तरह हमारे जीवन के हर क्षेत्र में भी दो पहलू होते ही हैं। दिन/रात, सुख/दुःख, अच्छा/बुरा, धर्म/अधर्म, सकारात्मकता/नकारात्मकता, सफलता/असफलता, हार/जीत, विवाद/सुलह, । कुछ भी स्थाई नहीं है। हार है तो जीत भी है। दुर्भाग्य है तो सौभाग्य भी दस्तक दे रहा है। जब हर समय एक जैसा नहीं होता, तो सौभाग्य या दुर्भाग्य हमेशा स्थाई कैसे हो सकता है। कभी किसी के सब दिन एक जैसे नहीं रहते, जीवन में अनुकूलता और प्रतिकूलता का अपना हिस्सा है। जो हमारे कर्म, श्रम, समर्पण, भाग्य और विश्वास के अनुसार बदलते रहते हैं। भगवान श्री राम का उदाहरण हमारे सामने है। आज के परिप्रेक्ष्य में स्व. धीरुभाई अंबानी का उदाहरण हम सभी की आंखें खोलने के लिए काफी। उदाहरणों की कमी नहीं है।अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसकी गहराई में कितना उतर कर उसकी सीख को ग्रहण करते हैं। कहावत भी है बोया पेड़ बबूल का आम कहां से होय अर्थात हम जैसा बीज बोयेंगे, वैसी ही तो फसल काटेंगे। सामान्य सी बात को हम सबको समझने की जरुरत है कि न सौभाग्य न सब दिन सोता है, न दुर्भाग्य ही सब दिन जगेगा। आज दुर्भाग्य है तो कल सौभाग्य भी अंगड़ाइयां लेकर दुर्भाग्य को पीछे ढकेल कर आगे आयेगा ही, यह निश्चित है, बस समय की बाध्यता या अनिवार्यता नहीं है। लेकिन हम आप अपने अच्छे कर्मों से सौभाग्य को खुला आमंत्रण देकर दुर्भाग्य को समय पूर्व मात दे सकते हैं। हर मानव का ये हमेशा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने अभीष्ट कर्म, श्रेष्ठकर्म और पुण्यकर्म में कमी न रहने दें, जिससे हमारी किस्मत में दुर्भाग्य का प्रवेश मजबूती से हो सके और सौभाग्य हमें सोता हुआ नजर आये। हम अपने पुण्य/ अच्छे कर्म को बढ़ाकर और प्रतिकूल परिस्थितियों में धैर्य के साथ सकारात्मक रहते हुए हमें दुर्भाग्य को पीछे ढकेल कर सौभाग्य को आगे आने का खुला आमंत्रण दे सकते हैं। और अपने जीवन को संवार सकते हैं, दुर्भाग्य के मकड़जाल से बाहर आकर सौभाग्य का प्रसन्न भाव से स्वागत अभिनंदन करने का सुअवसर प्राप्त कर सकते हैं।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 231 Views

You may also like these posts

2863.*पूर्णिका*
2863.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यार का तेरा सौदा हुआ।
प्यार का तेरा सौदा हुआ।
पूर्वार्थ
उफ ये खुदा ने क्या सूरत बनाई है
उफ ये खुदा ने क्या सूरत बनाई है
Shinde Poonam
तन्हा सी तितली।
तन्हा सी तितली।
Faiza Tasleem
समाज का डर
समाज का डर
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बिन बोले ही हो गई, मन  से  मन  की  बात ।
बिन बोले ही हो गई, मन से मन की बात ।
sushil sarna
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
*हिंदी दिवस मनावन का  मिला नेक ईनाम*
*हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रूबरू।
रूबरू।
Taj Mohammad
🌺फूल की संवेदना🌻
🌺फूल की संवेदना🌻
Dr. Vaishali Verma
"धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
*सोना-चॉंदी कह रहे, जो अक्षय भंडार (कुंडलिया)*
*सोना-चॉंदी कह रहे, जो अक्षय भंडार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#विक्रम चुप क्यों है ?
#विक्रम चुप क्यों है ?
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कदम आंधियों में
कदम आंधियों में
surenderpal vaidya
''दाएं-बाएं बैसाखी की पड़ते ही दरकार।
''दाएं-बाएं बैसाखी की पड़ते ही दरकार।
*प्रणय*
ज़िन्दगी में
ज़िन्दगी में
Santosh Shrivastava
*बस याद ही रह जाएगी*
*बस याद ही रह जाएगी*
Sunil Gupta
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
सजल
सजल
Rambali Mishra
मुझे हसरतों ने रुलाया
मुझे हसरतों ने रुलाया
Trishika S Dhara
No love,only attraction
No love,only attraction
Bidyadhar Mantry
हाथ की लकीरों में फ़क़ीरी लिखी है वो कहते थे हमें
हाथ की लकीरों में फ़क़ीरी लिखी है वो कहते थे हमें
VINOD CHAUHAN
" दिखावा "
ज्योति
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
शेखर सिंह
क्या तुम्हें लगता है कि
क्या तुम्हें लगता है कि
gurudeenverma198
उसे छोड़ना ही पड़ा..!!
उसे छोड़ना ही पड़ा..!!
Ravi Betulwala
मुस्कुराहट के ज़ख्म
मुस्कुराहट के ज़ख्म
Dr fauzia Naseem shad
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
खोजी हो तो खोजिये
खोजी हो तो खोजिये
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...