सौदागर
चूल्हा जलाने के लिए एक मां को लकड़ी बेचनी पड़ गई,
हैसियत बनाने के लिए दरोगा जी को हथकड़ी बेचनी पड़ गई !
अरमानों ने इस तरह जकड़ के रखा है इंसानों को,
मंजिल पाने के लिए एक मुसाफिर को घड़ी बेचनी पड़ गई !!
मार्तंड
चूल्हा जलाने के लिए एक मां को लकड़ी बेचनी पड़ गई,
हैसियत बनाने के लिए दरोगा जी को हथकड़ी बेचनी पड़ गई !
अरमानों ने इस तरह जकड़ के रखा है इंसानों को,
मंजिल पाने के लिए एक मुसाफिर को घड़ी बेचनी पड़ गई !!
मार्तंड