“सौगात “
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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मंत्र मृदुलता का
हम
दुहराते नहीं
झूठे
आवरण
को
हम ओढ़े
फिरते हैं
आशा
करते हैं
हमें सब
आदर दें
सम्मान दें
मेरी प्रतिभाओं
को सराहें
पर ये बातें
दो धारी तलवार है
ऋदय को
भेदने वाला
कटार है
दुसरे लोग
भी यही
चाहते हैं
हरेक के चाहने
पर द्वन्द
होता है
एक नये
तनाव
का श्रृजन
होता है
हम टूटकर
विखर जाते हैं
सामाज से
दू….र
चले जाते हैं
हम
यदि दूसरों को
मान और सम्मान देंगे
लोगों को प्यार
का पैगाम
देंगें
वे हमें
सर पे
बिठा
सम्मान देंगे
प्यार से ही प्यार
का
सौगात देंगे !!!!!!!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत