*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई
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सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई,
गगन से उतर परियाँ सारी आई।
राजा रानी की कहानियाँ सुनाई,
सिराहने बैठ लोरियाँ दे हारी,
कैसी तेरी नींद से है रुसवाई।
सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई।
चाँद-तारे भी सुलाने तुझे आये,
खोया तू ख्यालों में नींद न आये,
चाँदनी रोशनी संग चली आई।
सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई।
नीले नभ तले तेरी चारपाई,
सोया न तू कैसी तेरी हठाई,
मुन्ने राजा नयन में नींद न आई।
सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई।
सुलाने तुझे गीत गजल गाऊँ,
मनसीरत मै सुला क्यूँ नहीं पाऊँ,
सो जा भी तूँ बेला सुहानी आई।
सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई।
सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई।
गगन से उतर परियाँ सारी आई।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)