सोशल मीडिया का ट्रैंड- स्टेट्स…!!!
मातृ दिवस- माँ को स्टेट्स पर उनके फोटो की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है आजकल लोग रिश्तों को अहमियत देने के वजाय स्टेट्स को अहमियत देने लगे हैं जन्मदिवस हो या अन्य कोई दिन भावनाओं से ज़्यादा अधिक महत्व स्टेट्स दिखाने में करने लगे हैं लोग। आवश्यकता सिर्फ़ रिश्तों को समय देने की है, इन रिश्तों का सम्मान करने की है। मैं कभी भी बर्थ डे,मातृ दिवस या अन्य दिवस का स्टेट्स नहीं लगाती हूँ क्युंकि जैसा हम करेंगे वैसा ही हमारी आगे की पीढी करेगी हमें देखकर। मैंने खुद ये देखा है की छोटे छोटे बच्चे हमको देखकर के सामने से विश करने के वजाय सिर्फ़ स्टेट्स लगा देते हैं और अगर उनसे पूछा जाए तो उनका जवाब भी उन बड़ों की तरह होता है जो उन्हें ये बताते हैं कि विश करने के लिए स्टेट्स लगाया जाता है।मुझे लगता है शायद किसी के पास भी एक तार्किक रूप और उचित जवाब नहीं है स्टेट्स लगाने का। आजकल बड़े हों या छोटे सभी के लिए स्टेट्स लगाना ही ट्रैंड हो गया है। मेरे लिए हर दिन माता पिता का,परिवार का है,सत्कर्मों का है,अपनी गलतियों से सीखकर कुछ अच्छा करने का है इसीलिए मैं न ही मातृ दिवस में विश्वास करती हूँ और न ही स्टेट्स में। अगर माता पिता का सम्मान करके अच्छे कर्मों सहित ऊँचा मुकाम हासिल करके उनकी सेवा की जाए इससे बड़ी उपलब्धि और कुछ नहीं हो सकती ये मेरे विचार हैं। आज स्टेट्स में सभी ने हैप्पी मदर्स डे लगाया हुआ है लेकिन शायद हम लोग इसका भाव भूल चुके हैं। हमें ज़रूरत है सोशल मिडिया से ऊपर उठकर वास्तविक जीवन निर्वाह करने की….