मोदी जी पर गीत
सोच रही हूँ क्या रक्खूँ मैं , उस पुस्तक का नाम
कोरोना है जिसमें रावण , मोदी जी हैं राम
राम की तरह मर्यादा का वो पालन करते हैं
पलटवार करते दुश्मन पर कभी नहीं डरते हैं
मोदी जी को भी है जनता प्राणों से भी प्यारी
धर्मनीति मानवता से करते जो हर तैयारी
शीश झुकाकर इस योगी को, करते सभी प्रणाम
सोच रही हूँ क्या रक्खूँ में, उस पुस्तक का नाम
कोरोना ने किया आक्रमण बुरा वक्त है आया
मोदी जी ने तभी देश में लोकडाउन करवाया
करते रहते हैं जनता से, अक्सर बातें मन की
रहती फिक्र हमेशा उनको भारत के जन जन की
नहीं रात दिन कभी देखते, करते रहते काम
सोच रही हूँ क्या रक्खूँ में, उस पुस्तक का नाम
कोरोना का वध होगा देश मुक्त हो जाएगा
दीपमालिका करके फिर भारत जश्न मनाएगा
गले मिलेंगे ईद मनाएंगे खुशियों से मिलजुल कर
होली के रंगों से खेलेंगे हम आपस मे खुलकर
मोदी जी के यत्नो के आएंगे शुभ परिणाम
सोच रही हूँ मोदी रक्खूँ , उस पुस्तक का नाम
15-04-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद