Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2024 · 1 min read

सोचे सारे ख्वाब

चला गया कब बालपन, बीता सकल शबाब ।
दिल के दिल में रह गए, सोचे सारे ख्वाब ।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 84 Views

You may also like these posts

''हम मिलेंगे ''
''हम मिलेंगे ''
Ladduu1023 ladduuuuu
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
विषय-घटता आँचल
विषय-घटता आँचल
Priya princess panwar
वफ़ा की परछाईं मेरे दिल में सदा रहेंगी,
वफ़ा की परछाईं मेरे दिल में सदा रहेंगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक बात!
एक बात!
Pradeep Shoree
-आगे ही है बढ़ना
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
किस्सा कुर्सी का - राज करने का
किस्सा कुर्सी का - राज करने का "राज"
Atul "Krishn"
तन्हाई में अपनी
तन्हाई में अपनी
हिमांशु Kulshrestha
मां का महत्त्व
मां का महत्त्व
Mangilal 713
प्रेम का उत्तर
प्रेम का उत्तर
Rahul Singh
बेमतलब बेफिजूल बेकार नहीं
बेमतलब बेफिजूल बेकार नहीं
पूर्वार्थ
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
🌹🌻🌹🌻🌹🌻🌹
🌹🌻🌹🌻🌹🌻🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
Diwakar Mahto
13. Soul
13. Soul
Santosh Khanna (world record holder)
काश!
काश!
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*रे इन्सा क्यों करता तकरार*
*रे इन्सा क्यों करता तकरार*
Dushyant Kumar
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मालपुआ
मालपुआ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
बदला हूं मैं
बदला हूं मैं
Sumangal Singh Sikarwar
कलिपुरुष
कलिपुरुष
Sanjay ' शून्य'
खुरदरे हाथ
खुरदरे हाथ
आशा शैली
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बचपन और गांव
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*रिश्तों में दरारें*
*रिश्तों में दरारें*
Krishna Manshi
"सब्र"
Dr. Kishan tandon kranti
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नालन्दा
नालन्दा
Shailendra Aseem
#बधाई
#बधाई
*प्रणय*
Loading...