सोचा तुमको याद दिला दूं
सोचा तुम को याद दिला दूं
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क्या तुम को ये याद है, वो जलते शमशान।
क्या तुमको ये याद है, खाली खेत खलियान ।।
क्या तुमको ये याद है, भूख से खींचतान।
क्या तुमको ये याद है, रोता हुआ किसान।।
क्या तुमको ये याद है, कैद हुआ भगवान।
क्या तुमको ये याद है, बंद खेल मैदान।।
क्या तुमको ये याद है, छूटा कन्यादान।
क्या तुमको ये याद है, बच्चे हुए शैतान।।
क्या तुमको ये याद है, टूटे हुए मकान।
क्या तुमको ये याद है, बंद पड़ी वो दुकान।।
क्या तुमको ये याद है, रोता हिंदुस्तान।
क्या तुमको ये याद है, हंसता हुआ शैतान।।
क्या तुमको ये याद है, टूटा हुआ मेहमान ।
क्या तुमको ये याद है, भूखा मानव और स्वान।।
क्या तुमको ये याद है, होता हुआ अपमान ।
क्या तुमको ये याद है, जलता संविधान।।
क्या तुमको ये याद है ,रोता राष्ट्रगान।
क्या तुमको ये याद है, छूटा परिनिर्वाण।।
क्या तुमको ये याद है, टूटा हुआ विधान।
क्या तुमको ये याद है, कितनी गई थीं जान।।
क्या तुमको ये याद है, पेड़ों का वो कटान।
क्या तुमको ये याद है, टूटा स्वाभिमान।।
यदि तुम्हें सब याद है, तो उठाओ तीर कमान।
वोट डाल तकदीर बदल, कर दो देश महान।।
कर दो देश महान।
कर दो देश महान।।
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जनकवि/बेखौफ शायर
डॉ.नरेश “सागर”
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित
9149087291