सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
लेकिन कोई टाईम नहीं मिलता है ।
जब लिखने को बैठता हूँ,
तो अच्छा लाईन नहीं मिलता है ।।
लेखक – मन मोहन कृष्ण
तारीख – 29/04/2020
समय – 02 : 25 (रात्रि)
सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
लेकिन कोई टाईम नहीं मिलता है ।
जब लिखने को बैठता हूँ,
तो अच्छा लाईन नहीं मिलता है ।।
लेखक – मन मोहन कृष्ण
तारीख – 29/04/2020
समय – 02 : 25 (रात्रि)