सोचता हूँ के एक ही ख्वाईश
सोचता हूँ के एक ही ख्वाईश
में हजारो खुशियाँ मिल जाये
क्यूँ के यहाँ हर एक ख्वाइशों
का दाम आसमाँ सा ऊँचा है
©®-‘अशांत’ शेखर
सोचता हूँ के एक ही ख्वाईश
में हजारो खुशियाँ मिल जाये
क्यूँ के यहाँ हर एक ख्वाइशों
का दाम आसमाँ सा ऊँचा है
©®-‘अशांत’ शेखर