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16 Jun 2016 · 1 min read

” सोंच रहा हूँ क्या दे दूँ जो दिल से दिल की राह खुले “

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करकमलों से उसने मुझको, जब प्यारा स्पर्श दिया ।
रोम रोम पुलकित सारा , ऐसा दिल में हर्ष दिया ।
सोंच रहा क्या दे दूँ जो, दिल से दिल की राह खुले ,
अहसासों को उसने मेरे अर्श तलक उत्कर्ष दिया ।
******************************************
वीर पटेल

Language: Hindi
1 Comment · 463 Views

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