सैनिक
सैनिक
तेरी यादों में घुट-घुटकर, कब तक अश्रु बहाएंगे।
मुन्नी भी यह पूंछ रही है, पापा घर कब आएंगे।
माँ तेरी यादों में रोती,
कितना और रुलाओगे।
पढ़ें चिठ्ठियाँ पापा तेरी,
कब तक धीर बँधाओगे।
बिटिया रस्ता देख रही है,
पापा गुड़िया लाएंगे।
मुन्नी भी यह पूंछ रही है, पापा घर कब आएंगे।
पत्नी का भी हाल बुरा है,
आकर आस बँधा जाओ।
उसके दिल की पीड़ा को तुम,
पल में दूर भगा जाओ।
आ जाओ अब सैनिक घर में,
मिलकर स्वप्न सजाएंगे।
मुन्नी भी यह पूंछ रही है, पापा घर कब आएंगे।
आकर देख गांव की गलियाँ,
हैं मौसम वही सुहाना।
महुआ बरगद नीम कदम वो,
पीपल का पेड़ पुराना।
हम तेरी यादों में ऐसे,
कब तक रात बिताएंगे।
मुन्नी भी यह पूंछ रही है, पापा घर कब आएंगे।
अदम्य