Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

‘सैनिक मत बलिदान करें!’…: मुक्तक

महारथी हैं सत्ता के जो जागें, सुधरें, ध्यान धरें.
सबसे ऊपर देश हमारा, इसका ही गुणगान करें,
आतंकी यदि कैम्प चल रहे, नष्ट करें इनको जाकर,
राजनीति की बलिवेदी पर सैनिक मत बलिदान करें!

–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
263 Views

You may also like these posts

- तुझमें रब दिखता है -
- तुझमें रब दिखता है -
bharat gehlot
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
आकाश महेशपुरी
श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा
श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सत्य की जय
सत्य की जय
surenderpal vaidya
हिन्दी अनुपम प्यारी रानी
हिन्दी अनुपम प्यारी रानी
Rambali Mishra
इस ठग को क्या नाम दें
इस ठग को क्या नाम दें
gurudeenverma198
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
इल्ज़ाम
इल्ज़ाम
अंकित आजाद गुप्ता
"परिस्थिति विपरीत थी ll
पूर्वार्थ
⛅️ Clouds ☁️
⛅️ Clouds ☁️
Dr. Vaishali Verma
गरीब की दिवाली।।
गरीब की दिवाली।।
Abhishek Soni
गीत
गीत
अवध किशोर 'अवधू'
तूं राम को जान।
तूं राम को जान।
Acharya Rama Nand Mandal
अपने-अपने संस्कार
अपने-अपने संस्कार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
ख़त्म अपना
ख़त्म अपना
Dr fauzia Naseem shad
क्रोध...
क्रोध...
ओंकार मिश्र
जिंदगी एक पहेली
जिंदगी एक पहेली
Surinder blackpen
**गैरों के दिल में भी थोड़ा प्यार देना**
**गैरों के दिल में भी थोड़ा प्यार देना**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Neeraj Agarwal
"बेदर्द जमाने में"
Dr. Kishan tandon kranti
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
Slok maurya "umang"
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
श्याम तुम्हारे विरह की पीड़ा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम तुम्हारे विरह की पीड़ा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
Atul "Krishn"
बढ़ती तपीस
बढ़ती तपीस
शेखर सिंह
दीप ऐसा जले
दीप ऐसा जले
लक्ष्मी सिंह
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
3425⚘ *पूर्णिका* ⚘
3425⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मुझे हार से डर नही लगता क्योंकि मैं जानता हूं यही हार एक दिन
मुझे हार से डर नही लगता क्योंकि मैं जानता हूं यही हार एक दिन
Rj Anand Prajapati
Loading...