सेवनिवृत्ति विदाई गीत
औपचारिकतावश कर रहे हैं विदा।
दिल की गहराइयों से दुआ बस दुआ।।
है खुशी आप अपनो से मिल जाएंगे।
और गम भी है हमसे बिछड़ जाएंगे।।
जब भी हम याद आएं चले आइए।
द्वार दिल का सदा ही मिलेगा खुला।।
लीजै आगामी जीवन की शुभकामना।
गम से हो न कभी आपका सामना।।
दीर्घायु व सुखमय ही जीवन रहे।
थम न पाए कभी खुशियों का सिलसिला।।
सारे जीवन की यादें समेटे हुए।
आँखे नम हैं ये उपहार देते हुए।
प्यार व्यवहार आभार स्वीकार हो
ज्ञान दीपक जलाते रहें सर्वदा।।
✍🏻श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव