सेल्फी वाले दिन
लगन आ गयी पर चले गए हैं ,कुल्फी वाले दिन।
तेल पान पश्चात स्टाइल वाले ,जुल्फी वाले दिन।
कोरोना ने बदल दिया जीवन का हर मन्जर,
पर नही बदले आटें देकर सेल्फी वाले दिन।
दू किलो आलू दिया और नमक टाटा दे गए।
हम हे पार्टी के नेता हैं ,सारा बायोडेटा दे गए।
कह गए बदल के रख देंगे अनहेल्थी वाले दिन।
पर नही बदले आटें देकर सेल्फी वाले दिन।
थोड़ा मनसा गए नेता जी तो और एक किलो दाल दिए।
जब बात विकास की आयी तो बात को झट से टाल दिए।
कैसे कटेंगे डिहाइड्रेशन और उल्टी वाले दिन।
पर नही बदले आटें देकर सेल्फी वाले दिन।
-सिद्धार्थ