सृष्टि सारी नाचती
सृष्टि सारी नाचती है,नित्य प्रभु के ताल पर।
सूर्य सा शोभित हुआ है ,चंद्र जिसके भाल पर।
प्रार्थना मैं कर रही हूँ हाथ दोनों जोड़ कर-
दृष्टि अपनी डालिए अब तो हमारे हाल पर।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
सृष्टि सारी नाचती है,नित्य प्रभु के ताल पर।
सूर्य सा शोभित हुआ है ,चंद्र जिसके भाल पर।
प्रार्थना मैं कर रही हूँ हाथ दोनों जोड़ कर-
दृष्टि अपनी डालिए अब तो हमारे हाल पर।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली