सृष्टि के कर्ता
सृष्टि के कर्ता
कृष्ण सृष्टि की क्रिया प्रतिक्रिया के चक्र हैं,
कृष्ण सृष्टि के कर्ता भी कारक पर अक्र हैं।
साम,दाम,दंड, भेद ,विषदंत आवेग आदि,
लोभ का संवेग ना हीं मोह संवेग व्याधि।
युद्ध हो समक्ष गर जो शस्त्रों में दक्ष हैं,
पक्ष ना विपक्ष में ना कोई समकक्ष है।
आगत जो काल भी है , काल जो व्यतीत भी,
चल रहा जो आज भी है , गुजरा अतीत भी।
मन की चंचलता में, चित्त के अवधारण में,
कृष्ण सृष्टि की सृजना संरक्षण संहारण में।
अजय अमिताभ सुमन