Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2023 · 1 min read

सृजन स्वयं हो

विशेष की तलाश में, क्यों शेष हो रहे हो।
तुम सृजन के अधिनायक, अवशेष हो रहे हो।।

हर व्यक्ति है भटकता, यदि रास्ते कई हों।
छोड़ो बढ़ो तुम आगे, तुम काल से जई हों।।

आहुत करोगे खुदको, शुभ लक्ष्य आगे रखकर।
स्वागत स्वयं करेगा, सौभाग्य आगे बढ़कर ।।

रहना नहीं तुम भ्रम में, कोई ब्रह्म है तुम्हारा।
खुद के खुदा खुदी हो, तुम ब्रह्म हो तुम्हारा।।

एकाकी भाव से तुम, दृढ़ लक्ष्य जब चुनोगे।
हे ब्रह्मरूप मानव, युग यश सृजित करोगे।।

जै हिंद

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जाग री सखि
जाग री सखि
Arti Bhadauria
*जीवन्त*
*जीवन्त*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sakshi Tripathi
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💃युवती💃
💃युवती💃
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
🙏🙏
🙏🙏
Neelam Sharma
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन में मदिरा पाप की,
मन में मदिरा पाप की,
sushil sarna
"वक्त निकल गया"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
" सुनिए "
Dr. Kishan tandon kranti
बेवफा
बेवफा
Neeraj Agarwal
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
Shiva Awasthi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शराब
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
एक दिन सूखे पत्तों की मानिंद
एक दिन सूखे पत्तों की मानिंद
पूर्वार्थ
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
2985.*पूर्णिका*
2985.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
😢नारकीय जीवन😢
😢नारकीय जीवन😢
*प्रणय प्रभात*
*राम अर्थ है भवसागर से, तरने वाले नाम का (मुक्तक)*
*राम अर्थ है भवसागर से, तरने वाले नाम का (मुक्तक)*
Ravi Prakash
प्रेम निवेश है ❤️
प्रेम निवेश है ❤️
Rohit yadav
Pyasa ke dohe (vishwas)
Pyasa ke dohe (vishwas)
Vijay kumar Pandey
चुप रहना भी तो एक हल है।
चुप रहना भी तो एक हल है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...