सृजन व सृष्टि
इधर काफी दिनों से
विश्वासघात ने विश्वास को
कलंकित कर रखा था
विश्वास शब्द पर से ही
सबका विश्वास उठ गया था
ऐसा ही कुछ आजकल
प्रतीत हो रहा था।
पर कोरेना के उपरांत
सार्थक विश्वास ने
एक करवट लिया
बहुत सारे नास्तिको
को आस्तिक
बनाकर रख दिया ।
ईश्वरीय आस्था
के सूख रहे वृक्षों में
पुनः विश्वास का
संचार किया
उसे नया जीवनदान दिया
तेजी से पीछे लौट
रहे कदमो को मुख्य
धारा में लाने का
सफल प्रयास किया।
इस विश्वास के
नये कदम ने हमारे
फिर से सकारात्मक
सोच को बरकरार किया
जिन लोगो का परमात्मा
की सत्ता से विश्वास
उठ चुका था
उन्हें भी परमात्मा
ने नवजीवन का
अनुपम उपहार दिया।
आस्था व विश्वास के
बल पर ही सृजन
इस सृष्टि की संपदा है
इससे इतर निर्मेष
सब विपदा है।
निर्मेष