सूर्य की उपासना
सूर्य की आराधना का है, यह दिव्य त्यौहार,
सभी मिलकर पूजा करते, छठ का है यह प्यार,
नदी किनारे खड़े होकर, श्रद्धा से नमन करते हम,
सूर्य देवता से आशीर्वाद का, करते हम हमेशा प्रार्थना ।
चढ़ते सूर्य को देख कर, मन में उमंग भर जाता है,
अंधकार से निकल कर, नये जीवन में रंग भर जाता है,
घाट और दीपों की रोशनी, कर देती हम सबको रौशन,
छठ पूजा के पर्व में, हम सब होते हैं विश्वास से समर्पण ।
फल, नारियल और ठेकुआ, ईख चढ़ता है ढलते सांझ में,
सभी आशिर्वाद पाते , खुशियाँ भर जाता, हमारे जीवन में,
डूबते हुए सूर्य को भी, देते हम अर्घ, बहुत पवित्र हैं यह पर्व,
चारों ओर हर्षोल्लास खुशी होता, सूर्य देवता का एक साथ ।
सूर्य देवता के प्रार्थना से, सुख-शांति का होता है आरंभ,
नमन है उस सूर्य आस्था, विधिविनायक, दृढ़ तपस्या का,
छठ पर्व में हर नेकदिल को मिलता है सुकून का एहसास,
जो महापर्व करता है विधिपूर्वक, उनको मिलता जीवनभर खुशियों का सौगात ।