सूर्याय नम:
1. भौर की बेला
जगदीश्वर वास
करो प्रणाम
2. नवीन प्रात:
नव रश्मियाँ आएँ
सूर्याय नम:
3. धरा गगन
है स्वर्णिम जगत
योग मगन
4. उषा किरण
नव चेतना संग
करो धरण
5. नीर दर्पण
रवि देख मुस्काए
अपना अक्स
6. शांत है जल
शांत वातावरण
ईश भजन
7. चेत चेतन
नवीन आशा संग
कर सृजन
8. चेतन मन
स्वर्णिम है जगत
करो सुकर्म
9. शुद्घ विचार
शुभ प्रभात संग
करो संचार
10. प्रभात बेला
धरा करे श्रृंगार
मन न मेला