Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2020 · 1 min read

सूरज को पानी में डूबते देखा

सूरज को पानी में डूबते देखा
जलती शमां को बुझते देखा
घर टुटे तो क्या हुआ जब
आदमी को ही टुटते देखा
नूरफातिमा खातून “नूरी”

Language: Hindi
1 Comment · 233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
Sonam Puneet Dubey
दो घड़ी बसर कर खुशी से
दो घड़ी बसर कर खुशी से
VINOD CHAUHAN
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"एक दीप जलाना चाहूँ"
Ekta chitrangini
प्यार ईश की वन्दना,
प्यार ईश की वन्दना,
sushil sarna
कभी हमको भी याद कर लिया करो
कभी हमको भी याद कर लिया करो
gurudeenverma198
नारी....एक सच
नारी....एक सच
Neeraj Agarwal
जागता हूँ मैं दीवाना, यादों के संग तेरे,
जागता हूँ मैं दीवाना, यादों के संग तेरे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विषम परिस्थियां
विषम परिस्थियां
Dr fauzia Naseem shad
नीला ग्रह है बहुत ही खास
नीला ग्रह है बहुत ही खास
Buddha Prakash
"साये"
Dr. Kishan tandon kranti
मत देख कि कितनी बार  हम  तोड़े  जाते  हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
Anil Mishra Prahari
.
.
*प्रणय प्रभात*
एक कविता उनके लिए
एक कविता उनके लिए
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
Mahima shukla
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
"राजनीति में आत्मविश्वास के साथ कही गई हर बात पत्थर पर लकीर
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जाड़ा
जाड़ा
नूरफातिमा खातून नूरी
एक ही रब की इबादत करना
एक ही रब की इबादत करना
अरशद रसूल बदायूंनी
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
മുളകൊണ്ടുള്ള കാട്ടിൽ
മുളകൊണ്ടുള്ള കാട്ടിൽ
Otteri Selvakumar
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दफन करके दर्द अपना,
दफन करके दर्द अपना,
Mamta Rani
सबला नारी
सबला नारी
आनन्द मिश्र
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खरगोश (बाल कविता)*
*खरगोश (बाल कविता)*
Ravi Prakash
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
निकेश कुमार ठाकुर
अच्छा होगा
अच्छा होगा
Madhuyanka Raj
Loading...