सूख रहा है बूढ़ा बरगद
अच्छा है मुख मोड़ रहे हो
मुझको तनहा छोड़ रहे हो।
सूख रहा है बूढ़ा बरगद।
जिससे रिश्ता तोड़ रहे हो।
देखिए हर बात पे रोने लगा।
बाप का दिल मोल सा होने लगा।
दर्द गम खुद के सभी मंजूर हैं-
पुत्र के इक आह में खोने लगा।